Attempting to translate, and paraphrase for my home town, the iconic "Georgia on my mind" famously rendered by Ray Charles. You can read more about the song on Wikipedia, and look up the original lyrics/words here.
भोपाल, भोपाल
दिन भर का यही बयान
जब एक मधुर गीत पुराना
कराये भोपाल का ध्यान
अमा भोपाल, भोपाल
एक गीत जो जुड़ा तुझसे
मीठा, यूँ भेद कर पहुँचा
चिनार के बीच चंद्रमा जैसे
कई बाहें मुझ तक पहुँचती हुई
कई आँखें मंद मुसकाती हुई
सपनों में सुकून मिलता है देखकर
राहें मुझे तुझ तक ले जाती हुई
अमा भोपाल, भोपाल
नहीं मिलता मुझे सुकून का निशान
जब एक मधुर गीत पुराना
कराये भोपाल का ध्यान