June 29, 2014

तुम्हे देखकर बहुत सुकून मिलता है

तुम्हारे नाक नक्श में अतीत मिलता है
नन्ही आखों में मुस्तक़बिल मिलता है

तुम्हारे छोटे छोटे हाथों में
बड़े कारनामों का इशारा मिलता है

यूं तो ख़ून का रंग एक है  सब का
अपना खून बस अपनों से मिलता है

नींद में कभी कभी मुस्कुराते हो तुम
तुम्हे देखकर बहुत सुकून मिलता है

कभी सोचा न था की मेरे अंदर भी
जज़्बातों का एक समंदर मिलता है  

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