April 17, 2012

दिल टूट सकता है

ख्वाबों में जियें या हकीकत में की हर सूरत में दिल टूट सकता है
ये सोच कर सीधे चले जाते हैं की हर मोड़ पर दिल टूट सकता है

ख्वाहिशों की शीशी जो खोल लें तो उसकी खुशबू फिर रुकेगी नहीं
यूँ फैल जाएगी हर जगह की दुनिया में रामा दिल टूट सकता है

उनके झूठे वादों पर इस कदर यकीन हो चला अब हमे
किसी शाम वो आ ही जाएँ हम से मिलने तो दिल टूट सकता है

बड़ी उम्मीदों से कश्ती लेकर उतरे हैं तूफानी मौजों पर हम
जो इस बार दरिया ने हमे नहीं अपनाया तो दिल टूट सकता है

हमारी खुशियों का क्या मोल अगर हमारे अपने अज़ीज़ खुश नहीं
उनकी आँखें ज़रा सी नम हो तो एक पल में दिल टूट सकता है

तुम्हारी देहलीज पर भी आकर बैठ जाएँ कुछ देर साकी
शहर में तो टूट ही चुका मैखाने में देखें क्या दिल टूट सकता है