March 30, 2014

आओ नए मेहमान

खिड़कियाँ नयी हवाओं को बुला रहीं
दरवाज़े नए मौसम को दावत दे रहे
दिये नए रंगों कि रौशनी से जगमग
कालीन नयी आहट को बुला रहे

रोशनाई नयी सोच को खोज रही
किताबें नयी कविताओं को ढून्ढ रहीं
सुराही को नए रस कि प्यास है
तस्वीरें नए किरदार को बुला रहीं

आओ नए मेहमान नयी हवाओं कि तरह
नए मौसम कि तरह, नए रंगों कि तरह
तुम्हारे नन्हे क़दमों कि आहट से
पवित्र कर दो यह घर मंदिर कि तरह

आओ नए मेहमान नयी सोच लेकर
नयी कवितायें लेकर , नए रस लेकर
अपने किरदार से जोड़ दो नए अध्याय
मेरे जीवन को नन्हे हाथों से छुकर

आओ नए मेहमान, आओ