मेरी दोस्ती की कोई कीमत नहीं
मुझे इस शेहेर में कोई नहीं जानता
मेरे ताज़ा ज़ख्म के हमदर्द कई
भरे ज़ख्मों का दर्द कोई नहीं जानता
उम्मीद से शुरू किया यह दिन
ख़त्म कैसे होगा कोई नहीं जानता
आज एक दोस्त को अलविदा कहा
वो फिर कब मिले कोई नहीं जानता