नदी के उस पार इंसान खुश रहता है
इस पार हर दिल में ये वहम रहता है
उनके हौसले की कहानियाँ हैं मशहूर
बिस्तर को इल्म तकिया नम रहता है
उन्हें कितनो से दिल लगाते देखा सबने
कौन जाने उनके दिल में कौन रहता है
मीलों के सफ़र की मंजिल ये इम्तेहान
पीठ पे लदे गठरे में छुपा डर रहता है
जब हद के पार रक्तरंजित हो जाए रण
क्षितिज पे उदास गौतम खड़ा रहता है
इस अनजान शहर में बस एक आसरा
मेरे गाँव का दुश्मन पडोसी रहता है
शोहरत की बुलंदियां कौन नहीं चाहता
तारों पे बस कुछ का नाम लिखा रहता है
कभी फुर्सत मिले तो हमसे आकर मिलो
अब भी हर खड़ी तुम्हारा ख्याल रहता है
इस पार हर दिल में ये वहम रहता है
उनके हौसले की कहानियाँ हैं मशहूर
बिस्तर को इल्म तकिया नम रहता है
उन्हें कितनो से दिल लगाते देखा सबने
कौन जाने उनके दिल में कौन रहता है
मीलों के सफ़र की मंजिल ये इम्तेहान
पीठ पे लदे गठरे में छुपा डर रहता है
जब हद के पार रक्तरंजित हो जाए रण
क्षितिज पे उदास गौतम खड़ा रहता है
इस अनजान शहर में बस एक आसरा
मेरे गाँव का दुश्मन पडोसी रहता है
शोहरत की बुलंदियां कौन नहीं चाहता
तारों पे बस कुछ का नाम लिखा रहता है
कभी फुर्सत मिले तो हमसे आकर मिलो
अब भी हर खड़ी तुम्हारा ख्याल रहता है
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