October 06, 2011

प्यार और डर

जब दिल प्यार से भर जायेगा
तब दिल डर से भर जायेगा

जितना हम चाहते हैं तुम्हे
उनता ही डरते हैं तुम्हारे लिए
दुनिया बेईमान है, वक़्त बेरहम
जब अपनों से घर भर जायेगा
अंधविश्वासों से घर भर जायेगा

अपनों की मुस्कराहट जो है
ताक़त भी है, कमजोरी भी
ज़िन्दगी उसी पर टिकी हुई
खुशियाँ बटोरने जो जायेगा
खुशियों बचाता रह जायेगा

जब दिल प्यार से भर जायेगा
तब दिल डर से भर जायेगा

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