ज़िंदगी के साथ चलता रहा कोई
हंसता रहा कोई रोता रहा कोई
एक पुरानी किताब महक उठी
पन्नों मे फूल दबा गया कोई
कोई इतना खामोश है तो क्यों
उस से जाने क्या कह गया कोई
यहाँ दोस्तों से इतनी दूर आ गये
क्या वहाँ हमे पूछता होगा कोई
सवाल ऐसे की जवाब बेमानी लगें
ये किस मकाम पे छोड़ गया कोई
क्या है इस ज़िंदगी का सबब
मिलाओ उस से जो जानता हो कोई
हंसता रहा कोई रोता रहा कोई
एक पुरानी किताब महक उठी
पन्नों मे फूल दबा गया कोई
कोई इतना खामोश है तो क्यों
उस से जाने क्या कह गया कोई
यहाँ दोस्तों से इतनी दूर आ गये
क्या वहाँ हमे पूछता होगा कोई
सवाल ऐसे की जवाब बेमानी लगें
ये किस मकाम पे छोड़ गया कोई
क्या है इस ज़िंदगी का सबब
मिलाओ उस से जो जानता हो कोई