ज़ख्मों का रंग कोई पूछे तो कैसे बयां करें
दाँतों में दर्द दबाये सोते हैं कैसे बयां करें
गर पिसने से ही गेहूं का मान लिखा है
आगे गुंथने और सिकने को क्या बयां करें
किस गुनाह का बोझ जो जलती है हर रात
शमा रो रो के धुआं होती है किस से बयां करें
उनके खत में मांगे उनने हमसे कई जवाब
किस किस की सफाई दें और क्या क्या बयां करें
भोपाली सोचता है तालाब किनारे गुज़र जाती
ज़िन्दगी कहाँ कहाँ ले आई ये किस से बयां करें
दाँतों में दर्द दबाये सोते हैं कैसे बयां करें
गर पिसने से ही गेहूं का मान लिखा है
आगे गुंथने और सिकने को क्या बयां करें
किस गुनाह का बोझ जो जलती है हर रात
शमा रो रो के धुआं होती है किस से बयां करें
उनके खत में मांगे उनने हमसे कई जवाब
किस किस की सफाई दें और क्या क्या बयां करें
भोपाली सोचता है तालाब किनारे गुज़र जाती
ज़िन्दगी कहाँ कहाँ ले आई ये किस से बयां करें