January 25, 2017

रंग नया है

मौसम में निकले पत्तों का रंग नया है
डाल पर बैठी चिड़ियों का रंग नया है

बदन थकान से टूट रहा है मगर
आँखों पर उतरे जोश का रंग नया है

अफसरी हुक्म से शराब बंद है
प्यालों पर भरे पानी का रंग नया है

हम साथ रहते हैं पर बात नहीं करते
लबों पर हमारी ख़ामोशी का रंग नया है

ये घर अपनों की नज़दीकियां खोज रहा है
यहाँ पर फ़ैली दूरियों का रंग नया है

बच्ची की पायल से फर्श सुरमयी है
कालीन पर पड़ती ख़ुशी का रंग नया है

अच्छे दिन कुछ चल रहे हैं यूँ हमारे
कहने पर हर बात का रंग नया है

यूँ आधी रात को शेर कहने की तलब
ग़ज़ल पर चढ़ती नींद का रंग नया है

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