January 30, 2017

रह जाएगी

बिना रौशनी शाम अँधेरी रह जाएगी
बेसबब जिंदंगी गुज़रती रह जाएगी

पंखुड़ियों के बीच खुशबू को यूँ न छुपा
ऐ गुल तेरी हस्ती बेमानी रह जाएगी

अपना रुमाल ही गिरा दीजिये वरना
दिल से निकली बात अधूरी रह जाएगी

हसीं जलवों का कोई असर नहीं मुझ पर
अब ये मेरी बात पुरानी रह जाएगी

है रकीब वो मेरा पर आशिक़ भी तो है
उसे हराकर जीत बेमानी रह जाएगी

मेरी आग़ोश में रहोगे यूँही जब तक
हर लम्हे की उम्र बढ़ती रह जाएगी

उनके होठों का रंग ने पूछो मुझे से
गुलाबों की क्यारियां बेरंग रह जाएगी

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