बिना रौशनी शाम अँधेरी रह जाएगी
बेसबब जिंदंगी गुज़रती रह जाएगी
पंखुड़ियों के बीच खुशबू को यूँ न छुपा
ऐ गुल तेरी हस्ती बेमानी रह जाएगी
अपना रुमाल ही गिरा दीजिये वरना
दिल से निकली बात अधूरी रह जाएगी
हसीं जलवों का कोई असर नहीं मुझ पर
अब ये मेरी बात पुरानी रह जाएगी
है रकीब वो मेरा पर आशिक़ भी तो है
उसे हराकर जीत बेमानी रह जाएगी
मेरी आग़ोश में रहोगे यूँही जब तक
हर लम्हे की उम्र बढ़ती रह जाएगी
उनके होठों का रंग ने पूछो मुझे से
गुलाबों की क्यारियां बेरंग रह जाएगी
बेसबब जिंदंगी गुज़रती रह जाएगी
पंखुड़ियों के बीच खुशबू को यूँ न छुपा
ऐ गुल तेरी हस्ती बेमानी रह जाएगी
अपना रुमाल ही गिरा दीजिये वरना
दिल से निकली बात अधूरी रह जाएगी
हसीं जलवों का कोई असर नहीं मुझ पर
अब ये मेरी बात पुरानी रह जाएगी
है रकीब वो मेरा पर आशिक़ भी तो है
उसे हराकर जीत बेमानी रह जाएगी
मेरी आग़ोश में रहोगे यूँही जब तक
हर लम्हे की उम्र बढ़ती रह जाएगी
उनके होठों का रंग ने पूछो मुझे से
गुलाबों की क्यारियां बेरंग रह जाएगी