June 12, 2009

मौसम का इंतिज़ार क्यों करें

मौसम का इंतिज़ार क्यों करें
छिप-छिप के प्यार क्यों करें

मिलो किसी बहाने बागीचे में
बस ख़्वाबों में दीदार क्यों करें

इस गली से गुज़रे आशिक कई
इसे नफरत से बीमार क्यों करें

धूल पे लिखा-मिटाया बहुत कुछ
इसे सींच के गुलज़ार क्यों करें

उनकी बेवाफी से हमारे चर्चे हैं
उन्हें भूलकर वफादार क्यों करें

1 comment:

  1. इस गली से गुज़रे आशिक कई
    इसे नफरत से बीमार क्यों करें

    सुन्दर
    वीनस केसरी

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